अकेले चलता हु में पर मुझे अकेला मत समझना खामोश हु मैं पर मुझे नादान मत समझना ,दिखते नहीं पर मेरे साथ चलते है कुचले हुए अरमान कई उन्हें दफ़नाने को ढूंढता हूँ आकाश कोई जो मिलता नहीं कभ मुझसे मिलकर तो देखो कभी उन्हें छूके तो देखो हो सके तो तुम भी कन्धा देना इन अरमानो को दफना देना बहुत शोर करते है मेरे अंदर रह के मेरा ही विद्रोह करते है चलती फिरती क्रांति हु में मेरी शांति को मेरा समर्पण मत समझना , क्यु की में एक ANJAN RAHI हु।
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Thank you bro
ReplyDeletethank you and share